डायरेक्टर – फिल्म मेकर रोहित शेट्टीने नेहा धूपिया के शो ‘नो फिल्टर विद नेहा’ में बोलीवुड के अवोर्ड का राज खोल दिया. उन्होंने कहा-
अगर वो (अवॉर्ड शो ऑर्गनाइजर) मुझे पैसा देते हैं, तो मैं जाता हूं. वास्तव में. अगर वो मुझे पे करते हैं कि आकर होस्ट कर लो या अवॉर्ड देते हैं, तब मैं जाता हूं. वरना नहीं. क्योंकि ये सब नकली ही है न. ये सब बस टीवी शो है. अवॉर्ड शो स्टार्स के लिए पैसे कमाने का मौका होते हैं. जब हम कोई हिट गाना बनाते हैं, तो अपने एक्टर्स से कहते हैं, अब तुम इस गाने के साथ टीवी पर बहुत सारे पैसे कमा सकते हो. हमने जब ‘आंख मारे’ गाना बनाया था, तो रणवीर सिंह और सारा अली खान से भी यही बात कही थी.
राष्ट्रीय पुरस्कार के अलावा फिल्म इंडस्ट्री में कई अवॉर्ड फंक्शन होते हैं. जैसे आईफा अवॉर्ड, जी सिने अवॉर्ड, लक्स अवॉर्ड, निरमा अवॉर्ड, फिल्म फेयर अवॉर्ड वगैरह. रोहित शेट्टी का कहना है कि इन अवॉर्ड में कमर्शियल फिल्मों को गंभीरता से नहीं लिया जाता है.
इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में अवॉर्ड्स की प्रमाणिकता पर कई बार सवाल उठते रहे हैं. कई ‘ऐ ग्रेड’ सेलेब्स के बारे में कहा जाता है कि वो अवॉर्ड्स खरीदते हैं. कई एक्टर्स और डायरेक्टर्स कह चुके हैं कि किसको किस कैटेगिरी में अवॉर्ड मिलना है, ये पहले से तय होता है. नोमिनेशन सिर्फ दिखावा होता है. साळो पहले आमिर खान बॉलीवुड अवॉर्ड फक्शन को बायकॉट कर चुके हैं. कहा जाता है कि 1999 के फिल्म फेयर अवॉर्ड में उन्हें फिल्म ‘रंगीला’ के लिए ‘बेस्ट एक्टर कैटेगिरी’ में नोमिनेट किया गया था. लेकिन अवॉर्ड नहीं मिला. अवॉर्ड घर ले गए शाहरुख खान. फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ के लिए. तब से आजतक आमिर किसी अवॉर्ड इवेंट में नजर नहीं आए. पहले तो उनके नाम की खाली कुर्सी फ्रंट रो में दिख जाती थी. अब तो ऑर्गनाइजर ने कुर्सी भी रखनी बंद कर दी है. कंगना रानावत का अवोर्ड नीना गुप्ता को मिल गया था.