राजकोट, अहमदाबाद में कोटा जैसे हालात, एक माह मे 196 की मौत

राजकोट के सिविल अस्पताल में 111 और अहमदाबाद में 85 मासूमों के मौत

एक तरफ राजस्थान में बच्चों के मरने का सिलसिला जारी है. यहां अब तक 350 से ज्यादा बच्चे मर चुके है तो गुजरात में भी चिंताजनक स्थिति देखने को मिलि है. राजकोट के सिविल अस्पताल में 111 और अहमदाबाद की सिविल में 85 मासूमों के मौत की घटना सामने आई है. राजकोट के एक सरकारी अस्पताल में पिछले महीने दिसंबर में 111 मासूम की मोत हुई है. ओकटोबर में 87 और नवम्बर में 71 बच्चो की मोत हुइ है. ये बच्चों की मौत की वजह कुपोषण, जन्म से ही बीमार, वक्त से पहले जन्म, मां का खुद कुपोषित होना बताया जा रहा है. सरकारी अस्पताल के एनआईसीयू में ढाई किलो से कम वजन वाले बच्चों को बचाने की पुरी व्यवस्थाएं की कमी है. राजकोट सिविल अस्पताल के डीन मनीष मेहता ने कहा, राजकोट सिविल अस्पताल में दिसंबर के महीने में 111 बच्चों की मौत हो गई. दुसरी ओर अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक जीएस राठौड़ ने बच्चों की मौत पर कहा, ‘दिसंबर में 455 नवजात शिशुओं को नवजात गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था। जिनमें से 85 की मृत्यु हो गई।’

राजस्थान की हालात भी बहुत गंभीर है. राजस्थान के कोटा के जेके लोन अस्पताल के साथ जोधपुर और बीकानेर में भी बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। जोधपुर के डॉ. संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज में महीनेभर में 102 नवजात समेत 146 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं कोटा में 110, बीकानेर में 162 और बूंदी में 10 मासूम जिंदगी की जंग हार चुके हैं। जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला है
 

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